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VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

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VIPIN KUMAR TYAGI

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कोरोना का यह काल

कोरोना का यह काल

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कोरोना का यह काल भयंकर बनता यह काल,

दिन प्रतिदिन नए नए रिकॉर्ड बनाता यह काल,

विकराल रूप धरता कोरोना का यह काल,

कोरोना एक ऐसी महामारी जिसने अपनो को ही अपनो से दूर किया,

कोरोना पीड़ित व्यक्ति से सभी अपने व रिश्तेदार भी

दूरी बनाते दिखाई पड़ते कोरोना के इस काल में,

कोरोना पीड़ित की सेवा भी कोई नहीं कर पाता,

कोरोना पीड़ित व्यक्ति के पास भी कोई नहीं जा पाता,

कोरोना के इस काल में डॉक्टर ही देवदूत बनकर

कोरोना पीड़ित की सेवा कर पाते,

डॉक्टर ही अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना पीड़ित का

इलाज कर पाते,


कोरोना के इस काल में नर्स व अस्पताल स्टाफ भी

डॉक्टर का हाथ बटाते,

यह सब उस समय कोरोना पीड़ित की सहायता करते

जब अपने भी साथ छोड़ जाते,

कोरोना पीड़ित को अस्पताल लाने, देखभाल करने

व अन्य देखभाल का कार्य डॉक्टर व अस्पताल कर्मी ही करते,

यदि कोरोना पीड़ित की मृत्यु हो जाए तो

उसका अंतिम संस्कार भी अस्पताल कर्मी ही करते,


कोरोना ने लोगों को अपने होने का अर्थ ही समझा दिया,

कोरोना ने डॉक्टर व अस्पताल स्टाफ के महत्व को लोगों को समझा दिया,

कोरोना ने लोगों को स्वयं की सफाई के महत्व को समझा दिया,

कोरोना ने लोगों को सामाजिक दूरी के महत्व को भी समझा दिया,

कोरोना ने लोगों को लापरवाही की कीमत को भी समझा दिया,

कोरोना ने लोगों को प्राणवायु ऑक्सीजन के महत्व को भी समझा दिया,

कोरोना ने लोगो को अपने पराए के भेद को भी समझा दिया,

कोरोना ने हम सभी को अपनी इम्यूनिटी के महत्व को भी समझा दिया,

कोरोना ने हम सभी को झकझोर के रख दिया,

कोरोना ने अनेक लोगों से उनके अपनो को ही उनसे छीन लिया,

कोरोना ने हम सभी को बर्बाद किया,

कोरोना ने हमारी अर्थव्यवस्था को भी बर्बाद किया,

कोरोना ने हमारी शिक्षण व्यवस्था को भी बर्बाद किया,

कोरोना ने हमारे उद्योग धंधों को भी चौपट किया,

कोरोना का यह काल भयंकर बनता यह काल,

दिन प्रतिदिन नए नए रिकॉर्ड बनाता यह काल,

इस समय विकराल रूप धरता कोरोना का यह काल,



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