प्रगति
प्रगति
प्रगति, प्रगति जीवन का आधार है होती, प्रगति के बिना जीवन बोझ बन है जाता,
प्रगति यदि किसी की व्यक्तिगत हो तो उसका जीवन सुखमय बन है जाता,
प्रगति यदि किसी समाज की हो तो उस समाज का विकास हो है जाता,
प्रगति यदि किसी राज्य की हो तो उस राज्य की जनता का जीवन स्तर सुधर है जाता,
प्रगति यदि किसी देश की हो तो उस देश की जनता का जीवन आनंद से भरपूर हो है जाता,
प्रगति यदि पूरे विश्व की हो तो पूरी पृथ्वी स्वर्ग बन है जाती,
प्रगति यदि सभी की हो तो सभी का जीवन आनंददायक बन है जाता,
प्रगति के बिना समाज का विकास रुक है जाता, प्रगति के अभाव में कोई भी देश उन्नति नहीं कर है पाता,
प्रगति के बिना व्यक्ति का विकास भी संभव नहीं हो है पाता, प्रगति के बिना पूरे विश्व का विकास रुक है जाता,
प्रगति समय की जरूरत है होती, प्रगति समस्त समाज की आवश्यकता है होती,
प्रगति, प्रगति जीवन का आधार है होती, प्रगति के बिना जीवन बोझ बन है जाता।