जीवन को संवारती
जीवन को संवारती
बांटती हैं सदा सुख, मेटती समस्त दुख.
रख अनुकूल रुख, जीवन को संवारती.
वास है परम धाम, झांकी अति अभिराम,
जपता जो अविराम, माता उसे तारती.
वैष्णवी कहाती माता, द्वार पर जो भी जाता,
उसके संवार भाग्य, विघ्न को निवारती.
प्रार्थना मिलकर करें, जननि संताप हरें,
सुन्दर प्रभात कर, हर्ष भरें भारती.
