कायाकल्प
कायाकल्प
नए विचारों के लिए
खेती के लिए,
कच्ची जमीनों की जरुरत होती है
पक्की जमीनों को,
कच्ची जमीनों में बदलने के लिए,
थपथपाहट की नहीं ,
छेनी और हथौड़ो की जरुरत पड़ेगी
फावड़ो एव बेल्चो की जरुरत पड़ेगी,
तभी जमीन खेती लायक बन पड़ेगी
और उस जमीन
जिसने अपने मुखौटे बदल लिए है ?
जैसे चमकदार डामर वाली या
सीमेंट वाली सड़क,
उसका रूप
छैनी, हथौड़ो, फावड़ो, बेलचों से,
नहीं बदला जा सकता है,
उसके लिए
डायनामाइट का
विस्फोट ज़रुरी होगा
इस तरह से
नयी नयी जमीन तैयार हो सकेगी
जिसमे नयी नयी किस्में
एवं नयी नयी फसलें बोयी जा सकेगी
तभी क्रांति का रोपड़ हो पायेगा
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