Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Raja Singh

Romance

5.0  

Raja Singh

Romance

तुम्हारे लिए

तुम्हारे लिए

1 min
311


मैंने तुम्हारी प्रशस्ति में

कविताओं की बाढ़ ला दी थी,

अपने प्यार में डुबोने के लिए,

तुमने कानो में रख लिए थे हाथ

और बाढ़,

सूखे में बदल गयी थी।


मैंने तुम्हारी ख़ुशी के लिए,

लगा दिए थे लक्ष्मी के ढेर

और तुमसे खेलने को कहा था ,

तुमने घृणा से मुंह सिकोड़ लिया था

और लक्ष्मी,

सांप –बिच्छु बनकर डसने लगी थी।


तुम्हे पाने के लिए

मैंने अपने आप को मिटाकर

हसरतों की खड़ी कर दी थी ,

मंजिलें,

और तुमसे कहा था, रहने को

तुमने सिर्फ तिरस्कार से,

देखा भर था

और मंजिले,

भरभरा कर गिर पड़ी थी।


मैने, तुम्हारे स्वागत के लिए

बिछा दिए थे

फूलों के गलीचे

और तुम्हे आने को कहा था,

तुम नहीं आई।

वही फूल –अब

मेरी मजार पर चढ़ा दिए गए है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance