भारत माता
भारत माता
हम जन्म जहाँ लेते
खाते, पीते, रहते, सोते, जगते, हैं
जिस धरा खंड में
ज्ञान प्राप्त
अपना जीवन पाते हैं
उस पावन धरती के हम
पुष्प कमल, उस जननी
मातृभूमि को हम
भारत माता कहते हैं।
देवभूमि भारत को
आर्यावर्त, जम्बू द्वीप,
हिन्दुस्तान, इंडिया
कई नामों से पुकारते हैं,
माँ देवी की तरह
पालक पोषक सुखदायनी
इस पवित्र आँचल को
हम भारत माता कहते हैं।
हम गर्व इसी पर करते हैं,
स्वाभिमान
हमें इस पर ही है,
यह शांति अहिंसा वीरों की जननी
शश्य श्यामला हरित भूमि
करते हैं तुझको नमन।
छिन गए इसके कई हाथ
पर बन न सके इसके जैसे
यह अब भी
सुंदर सुगठित अरु मोहक है
इसमें जाऊ वार वार
यह कामधेनु, देवी स्वरुप
प्राणदायनी जननी है।
सभ्यता यहाँ पहले आयी
देवपुरुष पहले जन्मे
यह भगवानों की क्रीड़ास्थली
जन्म यहाँ पर लेने को
देवों में होड़ मची रहती।
हें स्वर्ग से सुंदर जन्मभूमि भारत माता
शत शत करते हैं तुझको नमन।