Raja Singh

Abstract

5.0  

Raja Singh

Abstract

देवी माँ सरस्वती

देवी माँ सरस्वती

1 min
450


सरस्वती देवी माँ है,

विद्या है, ज्ञान है, भगवान है।


देवी सरस्वती या विद्या

दोनों समानार्थी है

बचपन में पढ़ते हुए

हम खाते है कसम विद्या की,


क्योंकि विद्या ना आना

अन्धकार है, पिछड़ापन है,

अगतिशीलता है।


कितना दुष्कर है

अज्ञान से जीवन

हर तिलिश्म टूटता है

ज्ञान के प्रकाश से।


श्वेत है, प्रतीक शांति

अहिंसा शुद्धता का

आकर्षित करती है

सम्मान श्रद्धा और

निष्कलंकता।


श्वेता वही है सिर्फ

वही निर्विवाद आराध्या है,

नमन, वंदना, पूजा, अर्चना

अर्पण है ज्ञान सिन्धु प्रदायनी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract