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Akash Vishnoi

Abstract

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Akash Vishnoi

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देश का महात्यौहार

देश का महात्यौहार

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प्रचार है , प्रहार है ,

इरादों में रफ़्तार है ,चुनाव का रण क्षेत्र ये,

यहाँ शब्द ही तलवार है।

जान दांव पर लगी , ईमान दांव पर लगा ,

कौन किसका शिकार है और कौन पहरेदार है ,

कोई सीधा वार करता है ,

कोई छुपकर प्रहार करता है ,

यहाँ कौन है कितना निडर ,

और कौन कितना डरता है ,

आचार क्या , विचार क्या ,

यहाँ जीत क्या , यहाँ हार क्या ,

सब कुछ यहाँ छुप जाता है ,

सब कुछ यहाँ बिक जाता है,

कोई दीप यहाँ जला रहा ,

कोई अँधेरा फैला रहा ,

किसी के इरादे नेक हैं ,

कोई झूठ का अम्बार है।

कैसा भी हो , जैसा भी हो ,

ये चुनाव का त्यौहार है।



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