कभी हम यह क्यों नहीं सोचते कि हमने देश के लिए क्या किया... कभी हम यह क्यों नहीं सोचते कि हमने देश के लिए क्या किया...
क्या छोड़ जायेंगे हम अपनी विरासत में। क्या छोड़ जायेंगे हम अपनी विरासत में।
दोनो घरों का मान रखना, पर खुद के लिये ना जी पाना दोनो घरों का मान रखना, पर खुद के लिये ना जी पाना
मेरी तरफ से आज़ाद तब भी थे अब भी हो, बस पीछे मुड़ कर कभी ना देखना। मेरी तरफ से आज़ाद तब भी थे अब भी हो, बस पीछे मुड़ कर कभी ना देखना।
घर का मुखिया अपने घर वालों के लिए रक्षक बन जाता है घर का मुखिया अपने घर वालों के लिए रक्षक बन जाता है
जीवन है थोड़ा क्या पाया क्या खोया, रखा हिसाब नहीं, जीवन है थोड़ा क्या पाया क्या खोया, रखा हिसाब नहीं,