संकल्प
संकल्प
मैं जल की बहती धारा,
रूकना मेरा काम नहीं
चल सको तो चलो साथ मेरे,
मत कहना कहा नहीं।
जीवन है थोड़ा क्या पाया
क्या खोया, रखा हिसाब नहीं,
कर्तव्य पथ पर चलती रही,
पाया कभी विश्राम नहीं ।
कट जायेगा बचा जीवन भी,
रही कोई आस नहीं
साथ मेरे कर्म, दुनिया
रूठे आंच नहीं।
न रहूँ आश्रित किसी के,
विश्वास कभी टूटे नहीं
चलना ही जीवन मकसद रहे,
डगमगाये कभी कदम नहीं ।
