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Sudha Adesh

Abstract

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Sudha Adesh

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पहेली

पहेली

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जीवन लंबा

सीलन भरी गुफ़ा

अंधेरा घना ।


रिश्ते छूटे

गहरा सूनापन

नेत्र पनीले।


दास्ताँ ज़िन्दगी 

कर्मों का लेखा जोखा

क्यों भागे मन ?


मत उलझ

जीव बना पहेली

शांति जीवन।


न दे आशीष

शत वर्ष जीवन

सुखी जीवन।


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