कोई भी अमर नहीं कोई भी अमर नहीं
फिर भी ना भरा तेरे लालच का प्याला। वाह रे इनसान फिर भी ना भरा तेरे लालच का प्याला। वाह रे इनसान
जो जग मे प्यार और शांति फैलाती है। इसीलिए वह एक तितली कहलाती हैं। जो जग मे प्यार और शांति फैलाती है। इसीलिए वह एक तितली कहलाती हैं।
ज्ञान में तब क्षमा प्रबल है, क्षमा करना क्या सरल है ? ज्ञान में तब क्षमा प्रबल है, क्षमा करना क्या सरल है ?
यहाँ पग पग पर क्षण-क्षण में मिलते हैं प्रश्न वो भी कहीं और से नहीं अपनी ही अंतरात्मा यहाँ पग पग पर क्षण-क्षण में मिलते हैं प्रश्न वो भी कहीं और से नहीं अपनी...
जिस कुएँ का पानी अमृत से मीठा होता था, उसको ढककर मिनिरल वाटर प्लान्ट लगाया जा रहा है। जिस कुएँ का पानी अमृत से मीठा होता था, उसको ढककर मिनिरल वाटर प्लान्ट लगाया जा...