स्वच्छता का न कोई भाषण काम आयेगा, हर तरफ़ गंदगी का ढेर पनप जायेगा... स्वच्छता का न कोई भाषण काम आयेगा, हर तरफ़ गंदगी का ढेर पनप जायेगा...
रिहा करोगे एक दिन मुझको, ऐसा मुझे भी विश्वास है। रिहा करोगे एक दिन मुझको, ऐसा मुझे भी विश्वास है।
जा मिलती सागर मैं पल में विशाल असीम बन जाती। जा मिलती सागर मैं पल में विशाल असीम बन जाती।
मैं नदी ! कहाँ रही ? आत्मकथा मेरी, आत्महत्या हो चली। मैं नदी ! कहाँ रही ? आत्मकथा मेरी, आत्महत्या हो चली।
रखते ख्याल पर्यावरण का ! हो जाती मैं निहाल ! रखते ख्याल पर्यावरण का ! हो जाती मैं निहाल !
मार डाला तुमने मुझे नदी की आत्मकथा देख सुनाई है तुझे। मार डाला तुमने मुझे नदी की आत्मकथा देख सुनाई है तुझे।