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Kishor Zote

Tragedy

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Kishor Zote

Tragedy

मैं जीवनदायी

मैं जीवनदायी

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जल ही जीवन 

जल है तो कल है

बहने के लिए मुझे

पीना तुम्हें जल है


इसी जीवन को

गंदा कितना किया

सारे जहां की गंदगी को

मेरे जल में मिला दिया


तुम्हारे सब क्रिया कर्म

मुझे धोने है पडते

जलके लिए देखो

आपस में तुम लढड़ते


बारिश हुई कम

अब बहना कहां है

नाले की तरह अब

गंदगी की ही साथ है


मैं जीवनदायी देखो

मार डाला तुमने मुझे 

नदी की आत्मकथा

देख सुनाई है तुझे।


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