गली मोहल्लों से !
गली मोहल्लों से !
सड़क पर चलते फिरते दुकानदार
चना जोर वाला परमल वाला
बारीक़ कटी प्याज मिर्च
अजीब चटख महक लिए
जो उसकी आवाज़ के साथ ही
अठन्नियाँ चवन्नियां एक के सिक्के
पाकेट से निकलने लगती थीं
बांस मे लिपटी मिठाई से
बिच्छू और जहाज
न जाने और क्या क्या बनाते
उसी बांस की खाली जगह मे
सिक्के डालने वाला
पर्ची मे इनाम निकलने की आस मे
दनादन पैसे लूट के
ओके टाटा की पर्ची थमाने वाला
दिल्ली का कुतुममिनार देखो गा के
बाइस्कोप से फोटो दिखाने वाला
ये सब दुकानदार अब नहींं दिखते
जो सड़कों पर चलते फिरते थे !
