काँच की गोलियाँ!
काँच की गोलियाँ!
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हमारे छत की बाउंड्री पर
ईंट की दीवारों पर
कुछ ज्यादा पकी हुए ईंटे थीं
थोड़ा रंग उनका अलग होता
जिनसे टकराकर गोलियां हमारी
चट से लग करदूर तक जातीं थी
कांच की गोलियों का खेल
जो खेले वो ही जाने वो ही समझे
फिर लगता निशाना
उंगलियों के खेल का
बिचली उंगली से
दुश्मनों की गोलियों पर
गोलियां रंग बिरंगी
सैकड़ों में थी हमारे पास
एक से एक
काँच की गोलियाँ !