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पुनीत श्रीवास्तव

Comedy

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पुनीत श्रीवास्तव

Comedy

मच्छरदानी !

मच्छरदानी !

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दो इधर दो उधर 

क्रॉस कर के जो लगती थी 

चारपाई चौकी या फोल्डिंग पर 

अब नहीं दिखती 


हमारे घर में भी नहीं

बांस के डंडे वो चार के हिसाब वाले 

चार के चार चार दूनी आठ  

अगर दो बिस्तर लगना हो तो


कोई आता तो छत पर

चारपाई लगती 

मच्छरदानी चार डंडों वाली

अब ऑउटडेटेड सी है

आज मगर ये याद आई


जब मच्छरों से बचने के

सब उपाय हुए खत्म !

लगा के सोए हुए हैं 

मच्छरदानी !


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