Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

हरि शंकर गोयल

Comedy

4  

हरि शंकर गोयल

Comedy

ग्रहों की भूल

ग्रहों की भूल

2 mins
331


यह ग्रहों की भूल थी या पंडित की कमजोर गणित 

हमें कुछ समझ नहीं आया

इन ग्रहों के चक्कर में हमारी

शादी का चक्कर चल नहीं पाया ।


या तो शनि की वक्र दृष्टि थी 

या फिर मंगल की टेढ़ी चाल 

इनकी आपस की लड़ाई में 

हो गया हमारा बुरा हाल । 


बुध अपनी जिद पे अड़ा था 

गुरु सामने रास्ता रोके खड़ा था 

शुक्र ने भी अपनी निगाहों को फिराया 

हमारी शादी का चक्कर चल नहीं पाया ।


सूरज क्रोध कर झुलसाने लगा 

सोम भी बादलों के पीछे छिप जाने लगा 

सब नक्षत्रों ने हमें खूब बेवकूफ बनाया 

हमारी शादी का चक्कर चल नहीं पाया । 


आठ पटरानियों वाले श्रीकृष्ण को मनाया

ब्रह्मचारी हनुमान जी को भी शीश नवाया 

भोले भंडारी पर सोमवार को दूध चढ़ाया

पर, हमारी शादी का चक्कर चल नहीं पाया । 


अब आप ही कोई उपाय बतलाओ 

हमें अदद एक कन्या ही बस दिलवाओ 

अब मैं स्टोरी मिरर के द्वारे पर हूं आया 

हमारी शादी का चक्कर चल नहीं पाया ।। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy