डॉक्टर साहिबा
डॉक्टर साहिबा


आज एक बार फिर से
जमकर बारिश होने लगी
तर बतर बारिश में हमारी
दिल की तमन्ना मचलने लगी
हमने आव देखा ना ताव और
उतर गये मूसलाधार बरसात में
छींका छांकी तुरन्त होने लगी
बहुत तेज बुखार आ गया रात में
हालत कुछ इस कदर पतली हो गई
कि खांसते छींकते कमर दोहरी हो गई
हमें तुरंत अस्पताल ले जाया गया
खूबसूरत डॉक्टर साहिबा को देखकर
हमारे नाजुक से दिल को बुखार आ गया ।
छींका छांकी अब रुक गई थी
बंद आंखें पूरी तरह खुल गईं थीं
सांसें धौंकनी की तरह चलने लगी थीं
तबीयत डॉक्टर साहिबा पर मचल गई थी
हुस्न का दीदार होते ही हमारी
कमबख्त आंखें दगा दे जाती हैं
ज़बान चलने से पहले ही ये सुसरी
कभी दांयीं तो कभी बांयी चल जाती हैं
डॉक्टर साहिबा ने हमारी नब्ज टटोली
उनके कोमल स्पर्श से दिल पे चली गोली
जैसे ही उन्होंने हमारी आंखों को देखा
बेगैरत आंखों ने उनसे खेल ली "आंख मिचौली"
> यह नजारा देखकर डॉक्टर उछल गयी
स्टेथोस्कोप सीने पर रखने के बजाय
हमारी आंखों के ऊपर रख गयीं ।
थर्मामीटर भी मुंह के बजाय सिर पर रख दिया
हड़बड़ी में बुखार के बजाय
ना जाने कौन सा इंजेक्शन लगा दिया ।
हमारी हालत धीरे धीरे बिगड़ने लगी
ये देखकर डॉक्टर साहिबा भी उखड़ने लगी
बड़े प्रेम से उन्होंने हमारे सीने पर हाथ फिराया
बस, दिल की गाड़ी फिर से पटरी पर आने लगी ।
डॉक्टर साहिबा ने हौले से कहा
दिल के हाथों मजबूर लग रहे हो
सीजनल बुखार तो उतर जाएगा
मगर "लवेरिया" के पुराने मरीज लग रहे हो
हमने झेंपते हुए नजरें झुका लीं
डॉक्टर साहिबा ने अपने हाथों से
दवाई की एक खुराक खिला दी
अगले दिन फिर से आने की कहकर
हमारी सोई हुई सी उम्मीदें फिर से जगा दीं
क्या बताएं कि अब हम किस बेसब्री से
कल का इंतजार कर रहे हैं
सीजनल बुखार तो कब का ठीक हो गया "हरि"
अब तो दिल के बुखार से ही तप रहे हैं ।