योग आसन
योग आसन
खा खा कर फास्ट फूड बन गई थी भारी भरकम,
मम्मी पापा हुए परेशान रिश्ते ढूंढ ढूंढ के हर दम।
जो भी आता देख भाग जाता
कन्या इतनी भारी भरकम,
मामा जी ने भी नजर दौड़ाई हो न सकी कन्या की सगाई।
सभी ने मिलकर प्लान ऐसा बनाया, उस भारी भरकम
कन्या को योग शिविर पहुंचाया।
योग शिविर में जा कर कन्या बहुत घवराई,
आसन कर कर थक गई बेचारी पांच किलो चर्वी कम कर पाई।
चन्द दिनों में बावा ने एक बात दोहराई,
चिकनी चुपड़ी पर करो विचार, चाट,
समोसा कुरकरे चिपस भी नहीं मिलेंगे
अगर चाहती हो सुधार, कन्या ने भी हां में हां मिलाई।
खूब किया योगा कन्या ने,
दूर किये चाट चपट हलबाई,
खूब निकाला पसीना महीना
भर, थोड़ी सी राहत पाई,
ऐसे ही यत्न करो दिन भर बावा ने गुहार लगाई,
इतना यत्न करने पर वो कन्या १२० से १०० किलो पर आई।
कपड़े डीले पड़े तन के
कन्या को राहत
आई,
फिर क्या था समझ गई कन्या
योग बावा की दुहाई,
महीने भर में ही हो गई ७० किलो
चमत्कार योग का दिया दिखाई।
उस बैचारी कन्या ने ऐसे आसन लगाये,
न रहा मुटापा तन पे
सारे बस्त्र भी ढीले आए।
बन गई कन्या सुन्दर
हो गया कोमल सारा तन मन
सभी पूछें यह कैसा खेल रचाया,
इस भारी भरकम को सुन्दर कैसे वनाया।
मम्मी पापा ने बात योग शिविर की बताई,
सुन कर ऐसी योग की गाथा
सारी वस्ती में मची दुहाई,
कर लो योग सभी चाहते हो अगर भलाई।
उधर कन्या के रिश्तों ने इतनी धूम मचाई,
मम्मी पापा बांटें मिठाईयां
कन्या ने वर माला पहनााई। ,
कहे सुदर्शन योग से बड़ा न कोई डाक्टर
सभी लो इसको अपनाए,
दर्द मोटापा दूर करे यह सब
लाखों रोग भगाए,
आओ मिलकर हम सब यही
बात दोहराएं,
चाहते हो शान्ति सुख व निरोग काया
योग सभी को कर बांए।