तपस्या
तपस्या
एक पहुंचे हुए संत प्रवचन सुना रहे थे
"अज्ञानी" जनता को "मोक्ष" सिखला रहे थे
कह रहे थे कि मोक्ष का मार्ग बड़ा कठिन है
करने पड़ते इसके लिए बड़े जतन हैं
"साधना" के रास्ते मोक्ष तक जाया जा सकता है
"कठिन तपस्या" से यह मुकाम पाया जा सकता है
बिना "प्रेरणा" के यह सब संभव नहीं है
जहां "कामना" है "सफलता" वहीं है
मोक्ष का मार्ग पाकर जनता "वाह वाह" करने लगी
पहुंचे हुए संत के चरणों पे गिरने लगी
एक भक्तजन उठकर खड़ा हो गया
संत का ललाट गर्व से और बड़ा हो गया
कहने लगा "प्रभु आपने मुक्ति का अनुपम मार्ग बताया है
पर मेरे इस तुच्छ दिमाग में कुछ समझ नहीं आया है
मैंने आपके बताये हुए मार्ग पर चलने की कोशिश की
स्कूल में मेरी सहपाठी "साधना" से मैंने मुहब्बत की
कुछ दिन वह मुझे मीठे सपने दिखलाती रही
अपनी बांहों के झूले में झुलाती रही
फिर मेरी पहचान "तपस्या" से हो गई
उसे देखकर मेरे दिल की कली खिल गई
इश्क की वादियों में हम खोने लगे
धीरे धीरे "साधना" से दूर होने लगे
इसके पहले कि हम तपस्या के आंचल में रहते
भावी जिंदगी के हसीन सपने हम बुनते
पिताजी ने हमारी शादी "प्रेरणा" से करा दी
हमारी जिदगानी बीच मंझधार में ला दी
"साधना" और "तपस्या" दोनों दुश्मन बन गई
"प्रेरणा" की दोनों से ठन गई
हमारी जिंदगी नर्क बन गई थी
तब "कामना" हमारे जीवन में प्रवेश कर गई थी
उसने हमें दो घूंट "पीना" सिखा दिया
जिंदगी जीने का एक नुस्खा दिखा दिया
"दो घूंट" पीकर धरती जन्नत सी लगती है
फिर "साधना" "तपस्या" "प्रेरणा" एक सी लगती हैं
"मधुशाला" में स्वर्ग दिखाई देता है
"नशे" में "मोक्ष" दिखाई देता है
क्या इससे बढ़कर और कोई मोक्ष है ?
संत हाथ जोड़कर बोले "तेरी बहुत बढिया सोच है
तुझे अब किसी चीज की आवश्यकता नहीं है
नशेड़ियों के लिए 'प्रवचन' की जरूरत नहीं है
"कड़वा रस' पीते हो यह किसी तपस्या से कम नहीं है
सुंदरी के चरण चूमना किसी "साधना" से कम नहीं है
तुम्हारी दुनिया वही है तुम उसी लायक हो
धरती पर ऐसे बहुत हैं , तुम वही नालायक हो
प्रभु में जिनकी आस्था है उनके लिए यह ज्ञान है
तुम जैसों के लिये "कड़ी तपस्या" आज भी "अज्ञान" है।