मैंं और तुम
मैंं और तुम
वक़्त ने क्या दस्तक दी
देखते देखते पल भर में
सब कुछ यूं तबाह हो गए,
जितने भी रिस्तें नाते थे
तुम ने सब तोड़ दिए।
अब तो फासले भी इतने बढ़ गए
की दोनों की रास्तें भी अलग हो गए,
पहले तो दोनों थे हम बनकर
अब तो में और तुम बन गए ।
क्या अजीब दास्तान है
गलती तो किसी की नहीं थी
फिर भी हम जुदा हो गए,
ये वक़्त ने भी क्या खेल खेला
आज फिर से हम से
मैं और तुम बन गए।