Rakesh Sahu
Children Stories Others
गुमनाम था ज़िन्दगी से
न कहीं पे था मेरा पहचान
यूं ही तो दुनिया से अनजान था
तुम बिन जीना नहीं था आसान।
तुमने मुझे ज़िन्दगी दी
फिर दे दी पहचान
कैसे भला भूलाएँ वो बातें
मेरे लिए तो मेरी माँ
सब से महान।
वक़्त और यादे...
दफ़न
तुम्हारी याद
मेरी माँ सबसे...
मुसाफ़िर तू म...
हे वृक्ष !कित...
मत आना लाडो इ...
मैं और तुम
मैंं और तुम
तुम आज भी नही...