मुसाफ़िर तू मुस्कुराता चल
मुसाफ़िर तू मुस्कुराता चल
मुसाफ़िर तू ज़िंदगी की
सफ़र तेरी चंद पल,
भुला दे सारे दर्द को यहीं
मुसाफ़िर तू मुस्कुराता चल ।
सफ़र तेरी अंगारों से भरी
क्या पता क्या होगा आने वाला पल ,
भूला दे सभी बीते बातों को यहीं
बस तू आगे बढ़ता चल ।
मुसाफ़िर तू आगे बढ़ता चल ......
क्यों आंसू बहाता है
सभी को एक दिन जाना है
आज नहीं तो कल,
भूला दे सभी गमों को यहीं
मुस्कुरा दे तू एक पल ।
मुसाफ़िर तू मुस्कुराता चल ....
