नशा
नशा
पहले नशा करके लेते है मजा
फिर नशा दिलाती है उन्हें सजा।
नशे मे रहते है चूर
अपनों से और सपनों से हो जाते है दूर।
जवानी होती है कुछ अच्छे कर्म करने के लिए
ना की नशे में डूबने के लिए।
किसी मर्ज की दवा नशा तभी होती है
जब खुद पर खुद का भरोसा नहीं रहता है।
नशा बुरी बला है
उससे दूर रहो तो ही भला है।
अच्छे काम का भी होता है नशा
उसका शौक पालो वही करो नशा।
