Shop now in Amazon Great Indian Festival. Click here.
Shop now in Amazon Great Indian Festival. Click here.

Namrata Pillai

Tragedy Inspirational

3.7  

Namrata Pillai

Tragedy Inspirational

धोखा

धोखा

2 mins
109


धोखा हर मोड़ पर है संभल कर क़दम उठाओ जी

हर रिश्ते में स्वार्थ है..निस्वार्थ हो कर रिश्ते निभाओ जी

यहाँ हर कोई अपना है,अपनाना सीखो जी

कभी लोभ के कारण तो कभी

ईर्ष्या के करण तरार पद जाती रिश्तों में..

धोखा हर मोड़ पर है संभल कर क़दम उठाओ जी


भरोसा अब नहीं होत आसानी से

हर तरफ़ जाल बिछा है बेमानी का

यहाँ हर कोई अपनी दौड़ लगा रहा है,

हाथ थाम के साथ चलना भी सीखो जी


हर तरफ़ शोर है पर संगीत की मधुरता नहीं

कभी कोई गीत गुनगुनाना सीखो जी

धोखा हर मोड़ पर है,संभाल कर क़दम उठाओ जी


अपनो ने विश्वाश तोड़ दिया और गेरो ने हमें सहारा दिया 

जिसको चाहा था ख़ुद से भी ज़्यादा उसने मुँह मोड़ लिया

वो वादे भी किए एक ग़लत इरादे से और वो वार करते गाए

धोखा हर मोड़ पर है संभाल कर क़दम उठाओ जी


ये भी एक अंश है जीवन का इससे सीख मिली हमें भी

समय ये भी था बहुत ख़ूब जो ग़लत इंसान की

फ़ितरत को ज़हीर कर के चला गया


अब मजबूर नहीं हम बिलकुल पर

और भी मज़बूत हो गए हम

ये धोखा खा के भले पछताए हम पर

आज एक सक्षम इंसान बन गए हम

धोखा हर मोड़ पर है संभाल कर क़दम उठाओ जी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy