ज़िंदगी तुझे सलाम
ज़िंदगी तुझे सलाम
जब से होश सम्भाला है
तुझे हर पल खोजा है।।
कभी किताबों में
तो कभी कविताओं में।।
आज होने का एहसास दिलाया
तो कल कुछ खो देने का।।
बस हँसना सीखा दिया होता
सब को
तो कोई भी ना होता इतना बेबस।।
आज फिर एक सलाम है
तुझ को
एक और बार मेरा प्रणाम है तुझ को।।