एक गीत भारत के नाम
एक गीत भारत के नाम


एक है देश पर नाम अनेक। कभी हिंदुस्तान की दास्तान सुनाता तो कभी भारत के अनमोल रत्न को याद कराता ये तो इंडिया के नाम से दुनिया भर में जाना जाता।
अभिमान भी नम्रता से करता, मान सम्मान से अपने देश को माँ कहकर सम्मानित करता ये है भारत मेरा देश।
एक है देश पर भाषा अनेक। पर राष्ट्र भाषा हिन्दी से है हमें प्रेम।
एक हैं देश पर नेता अनेक। पर देश सेवा की भावना है सब के दिलो में एक।
जब अपनी मिट्टी की ख़ुशबू लेकर आता कोई संदेश तो मन में झूम उठती एक ख़्वाहिश की चल लौट चलते है अपने देश।
एक है मेरी माँ जिसने जन्म दिया और एक है भारत माता जिसके अन्न को धारण करके ही बना में एक नेक इन्सान।
अभिमान भी नम्रता से करता, मान सम्मान से सबको अपनाता ये है मेरा देश भारत जो इंडिया के नाम से दुनिया भर में जाना जाता
एक हैं भगवान पर धर्म अनेक। ये हिंदुस्तानियों की ख़ासियत है हम नदियों को, पशु-पक्षियों को देवता मान कर पूजते और रोज़ भोग लगाकर इन्हें भूँक से सन्तुष्ट भी करते।
अभिमान भी नम्रता से करता ये है भरत मेरा देश जो सब को साथ लेकर चलता।
एक ही थे महात्मा गांधी जी जो मोंन व्रत रकते थे और अहिंसा के मार्ग पर चल कर ही हिंदुस्तान को आज़ाद करवाया। अनेक थे नेता पर उनके जैसा ना कोई।
अभिमान भी नम्रता से करो और किसिका निरादर ना करो, ये है भारत की संस्कृति की एक अनमोल सीख।
एक है देश पर नाम अनेक। कभी हिंदुस्तान की दास्तान सुनाता तो कभी भारत के अनमोल रत्न को याद कराता ये तो इंडिया के नाम से दुनिया भर में जाना जाता।
अभिमान में भी मान। नम्रता में नम्र की भावना को सीध करता ये है भारत मेरा देश जो इंडिया के नाम से दुनिया भर में जाना जाता