जिस घड़ी मुस्कुरा के देखा था पल वही इब्तदा में रक्खा है जिस घड़ी मुस्कुरा के देखा था पल वही इब्तदा में रक्खा है
अब तो ये सर कहीं नहीं झुकता जब से तू बन्दगी में आया है अब तो ये सर कहीं नहीं झुकता जब से तू बन्दगी में आया है
वो मुझको भूल गया जो मुझसे कहा करता थाकि यार अब तो तू मुझे याद भी नही करता वो मुझको भूल गया जो मुझसे कहा करता थाकि यार अब तो तू मुझे याद भी नही करता
कुछ जिन्दा हैं ज्यों मरे हुएकुछ मरकर भी तो जिन्दा हैं।। कुछ जिन्दा हैं ज्यों मरे हुएकुछ मरकर भी तो जिन्दा हैं।।
शायद वह आखिरी मुस्कान थीउन रूखे होंठों पर शायद वह आखिरी मुस्कान थीउन रूखे होंठों पर
ओ अन्तस् के मान हठीले विष-बेलों से हो जहरीले.. दुनिया भर के पाप भरे औ' चेहरे से हो बड़े सजीले... ओ अ... ओ अन्तस् के मान हठीले विष-बेलों से हो जहरीले.. दुनिया भर के पाप भरे औ' चेहरे से ...