समय का मान
समय का मान
समय ना धर्म का आदी हैं
ना कर्म की कमायी हैं।
जिस ने बलवान रावण को भी झुका डाला
वो समय की हे एक अद्भुत दास्तान थी।
जो चाहते हो तुम पाना राजा राम का धाम
तो समझ लो नीति, नियम और परिश्रम के नाम।
वो तो सीता थी जो चल पदी कभी
वनवास तो कभी कूद पड़ी अग्नि में।
जो समय का मान ना रकते भगवान तो
कभी ना होता रामायण का नाम।