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Subodh Rajak

Inspirational

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Subodh Rajak

Inspirational

बूंद बूंद गिर पड़ा..

बूंद बूंद गिर पड़ा..

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मौसम बदल गया 

बादल यहीं संभल गया 

रोक न सका , उसे कोई 

बूंद बूंद वो गिर पड़ा..  


भाग रही हवाओं ने 

सब कुछ बता दिया, 

बादलों की पोल 

चुपके से खोल गया.. 


पौधा खुश हो गया 

जमीन में पड़ा पड़ा 

मौसम बदल गया 

बादल यहीं संभल गया 

रोक न सका, उसे कोई 

बूंद बूंद वो गिर पड़ा.. 


ये बूंदे भी न

आज पागल हो गया 

जो मिला उसेे

उसके उपर गिर पड़ा 


लूट गया सब कुछ 

यूं खड़ा खड़ा 

बूंद बूंद वो गिर पड़ा.. 


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