विवाह
विवाह
विवाह एक समझौता
दो प्राणियों का गठबंधन एकलौता
देता अद्भुत शक्ति का न्योता
जीवन का एक मात्र भरोसा
नहीं जिसका कोई सानी
हर रिश्ता जिसके सामने बेमानी
दोनों सौप देते अपना सबकुछ
एक दूसरे को बिना आनाकानी
नहीं जिस रिश्ते में कोई बेईमानी
करते नहीं कोई नादानी
क्योंकि रिश्ता ही ऐसा है
जिसको बनाया ईश्वर ने आसमानी
टिकाया जिसको
प्रेम,प्यार और विश्वास के सतंभों पर
दिया एक सूत्र में पिरो दोनों को
यही विवाह जीवन का
संसार का अद्भुत बंधन है
जिसके समक्ष सब बंधन बेमानी।