एक विधवा ने सफेद आँचल में रंग भरे समाज के ढकोसले तोड़ कर। एक विधवा ने सफेद आँचल में रंग भरे समाज के ढकोसले तोड़ कर।
मिला राम को धाम जो, खुला द्वार करतार। मिला राम को धाम जो, खुला द्वार करतार।
आखिर कब तक लड़की की परीक्षा होगी। आखिर कब तक लड़की की परीक्षा होगी।
दो पिता की दोस्ती हमारे बचपन को रिश्तों में बदलना चाहा जैसे। दो पिता की दोस्ती हमारे बचपन को रिश्तों में बदलना चाहा जैसे।
इस सृष्टि को रचने वाली, सँवारने वाली होती हैं बेटियाँ। इस सृष्टि को रचने वाली, सँवारने वाली होती हैं बेटियाँ।
कर दो शादी उनकी उनसे जिनसे मिलती दिल की धड़कन। कर दो शादी उनकी उनसे जिनसे मिलती दिल की धड़कन।