ये सफर जिन्दगी का, गमों से कोसों दूर होगा बस जो प्यार आज है वही प्यार कल रखना। ये सफर जिन्दगी का, गमों से कोसों दूर होगा बस जो प्यार आज है वही प्यार कल रखना...
इसी नारे ने हर हौसले को बुलंद किया, धीरे -धीरे आम जनता ने भी, इसी नारे ने हर हौसले को बुलंद किया, धीरे -धीरे आम जनता ने भी,
ताकि मन में न रह पाए कोई कसक। ताकि मन में न रह पाए कोई कसक।
ऐसे मुझसे छूट गया, ऐसे मुझसे छूट गया। ऐसे मुझसे छूट गया, ऐसे मुझसे छूट गया।
दो पिता की दोस्ती हमारे बचपन को रिश्तों में बदलना चाहा जैसे। दो पिता की दोस्ती हमारे बचपन को रिश्तों में बदलना चाहा जैसे।
निखर कर आती है तब कविता, जैसे कोई बहती हुई हो सरिता। निखर कर आती है तब कविता, जैसे कोई बहती हुई हो सरिता।