अनुभूतियों को अभिव्यक्ति देने का छोटा सा प्रयास है मेरी रचनाएं।
'आजा बेटा !अपनी माँ के पास। 'आजा बेटा !अपनी माँ के पास।
वह किसी के साथ रहे लेकिन अब पछताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत..! वह किसी के साथ रहे लेकिन अब पछताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत..!
उसका मन विचलित हो उठा था,क्या है इन बच्चों का भविष्य,,न अच्छी शिक्षा ,न साफ-सफाईन पोषण. उसका मन विचलित हो उठा था,क्या है इन बच्चों का भविष्य,,न अच्छी शिक्षा ,न साफ-सफाई...
आत्मचिंतन और आत्ममंथन के लिए लाकडाउन का समय सबसे बढ़िया था! आत्मचिंतन और आत्ममंथन के लिए लाकडाउन का समय सबसे बढ़िया था!
अभी भी यह लिखते हुए मेरी आंखों से अनवरत आंसू बह रहे हैं। अभी भी यह लिखते हुए मेरी आंखों से अनवरत आंसू बह रहे हैं।
मैं राधा नहीं मीरा बाई भी नहीं मैं तो हूँ दासी। हे प्रियतम मैं कह नहीं पाऊँ हूँ मैं राधा नहीं मीरा बाई भी नहीं मैं तो हूँ दासी। हे प्रियतम मैं क...
समय अगर मोह न त्यागा होता तो आज शायद हम लोग एक-दूसरे का मुंह भी न देख रहे थे। समय अगर मोह न त्यागा होता तो आज शायद हम लोग एक-दूसरे का मुंह भी न देख रहे थे।
लोग क्या कहेंगे राकेश! अब इस उम्र में विवाह ! मजाक बन जाएगा हमारे प्यार का... विवाह की क्या आवश्यकता... लोग क्या कहेंगे राकेश! अब इस उम्र में विवाह ! मजाक बन जाएगा हमारे प्यार का... वि...
मैंने हौले से उनके सिर पर हाथ रखा तो उन्होंने आँखें खोली- "कैसी हो काकी ! मैंने हौले से उनके सिर पर हाथ रखा तो उन्होंने आँखें खोली- "कैसी हो काकी !
वजूद होता तो पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया जाता ? अब तो यही उसकी नियति है ? वजूद होता तो पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया जाता ? अब तो यही उसकी नियति है ?