Abhilasha Chauhan
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अनुभूतियों को अभिव्यक्ति देने का छोटा सा प्रयास है मेरी रचनाएं।

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जिंदगी क्या है मुट्ठी से फिसलती रेत जिसे चाहकर भी थामा नहीं जा सकता। @अभिलाषा

नशा व्यक्ति को अंधा ही नहीं बनाता,उसके नैतिक,सामाजिक, पारिवारिक पतन का कारण बनता है।

नशा व्यक्ति को अंधा ही नहीं बनाता,उसके नैतिक,सामाजिक, पारिवारिक पतन का कारण बनता है।

बीती बातें दिल से इतना न लगाओ कि दिल की बीमारी बन जाए।

गरीब की जेब फटी हो तो क्या न फटी हो तो क्या उसके पास कुछ होता ही नहीं इसलिए वह जेब देखता ही नहीं अभिलाषा चौहान

मानो या ना मानो चाहे तुम मुझे अपना ना मानो हमने तुम्हें ही बस अपना है माना भले ही मेरी चाहत को तुम ना पहचानो। अभिलाषा चौहान

मानो या ना मानो चाहे तुम मुझे अपना ना मानो हमने तुम्हें ही बस अपना है माना भले ही मेरी चाहत को तुम ना पहचानो। अभिलाषा चौहान

ऊंचे सपने देखना भरना ऊंची उड़ान छोटी सोच रही यदि रहेगी बौनी उड़ान। अभिलाषा चौहान

जिंदगी खेल नहीं है यारों, सोचो समझो और विचारों। ईश्वर का दिया अनमोल तोहफा है ये, इसे हर पल सहेजो सवारों। अभिलाषा चौहान


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