बुढ़ापे की सनक
बुढ़ापे की सनक
बुढ़ापे की सनक है या
कुछ न कर पाने की टीस,
जो नहीं कर पाए व्यस्तताओं में
उन्हें करने के लिए रहता है मन बेकरार
समय के साथ व्यस्तताओं में अब तक
खुद के लिए वक्त ही नहीं निकाल पाए
औरों के लिए जीने में खुद को भूलते रहे
अब वक्त मिला है एक बार फिर
सब कुछ भूलकर खुद के लिए जीने का,
जो न कर पाए उन्हें साकार करने का,
ताकि मन में न रह पाए कोई कसक।