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Abhishek Mazumdar

Drama

5.0  

Abhishek Mazumdar

Drama

शुक्रिया तेरा

शुक्रिया तेरा

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तेरे आने की,

खबर ही काफी थी,

आना ना आना तो बस,

धोखा ही था ।


लेकिन इतनी ज़हमत भी,

ना उठाई जा सकी तुझसे,

जो तू समझ जाती तब,

मेरे आयाम ही कुछ और होते,

जो तू तब मान जाती तो,

ये कलम कहाँ मशहूर हो पाती ।


तो क्या हुआ,

जो मैं बिखरा हूँ,

जगा हूँ, ये क्या कम है,

उठ के चलने के लिए,

यही काफी है ।


शुक्रिया तेरा,

जो जगा हूँ आज,

ठगा, बिखरा, बेजान ही सही,

मगर हारा नहीं,

जो जगा हूँ आज।


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