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Radha Tiwary

Drama

4  

Radha Tiwary

Drama

समर्पित प्रेम

समर्पित प्रेम

4 mins
542

समर्पित_प्रेम 

क्योंकि मैं चाहती हूँ

तुम एक बार महसूस कर सको

वो सब जो मैं करती हूँ।


मैं चाहती हूँ

बिछड़ने के कई

महीनों बाद,

तुम एक रोज़ मुझे

व्हाट्सअप करने की कोशिश करो

और तुम्हे पता चले कि वो

एकाउंट डिएक्टिवेट है।


फिर तुम एक और कोशिश करो,

कॉल करने की,

और फिर तुम्हें

अमान्य नम्बर की आवाज आये

फिर एक लंबे समय बाद,

तुम्हारे जहन में मेरा ख्याल जागे

तुम्हे मेरी फिक्र हो, वो फिक्र।


जिसको देखने के लिए अब मैं

सिर्फ एक अमान्य नम्बर ही तो हूँ

फिर तुम अपने शहर के

टेलीफोन ऑफिस में जाओ

खोजने का प्रयास करो।


और तुम्हारे अथक प्रयास से

तुम्हें पता चले

मेरा पता, मेरा ठिकाना।

वो ठिकाना जो मेरे पते पर

कभी जाता है नहीं।


हाँ वो नम्बर किसी उद्देश्य के

नाम पर हो और उसका ठिकाना कोटा है।

फिर तुम सोचो मेरे बारे में,

मेरी हर बात,

मेरी आवाज़, मेरा चेहरा।


और तुम्हें ख्याल आये मेरी प्यारी सी

मुस्कुराहाट जो तुम्हे काफी पसंद थी

और साथ में कई हजार तस्वीर जो तुमने

कई बार वीडियो कॉल पर देखी थी।


तुम्हारा जहन ये मानने को राजी ही न हो

एड्रेस सही नहीं है

और टेलीफोन ऑफिस में

मेरा एड्रेस गलत है


तुम लिखो एक पत्र

मेरे नाम से उस गलत एड्रेस पर

वो पत्र जो कभी मुझे मिलेगा ही नहीं,

और उसका जवाब भी नहीं आएगा।


तुम खाव्हिश रखो

उम्मीद करो

कोशिशें करो

डाक विभाग में जा जा कर

पता करो एक पत्र का,


जिसपे सिर्फ और सिर्फ

तुम्हारे नाम की मुहर हो

और वो तुम्हे नहीं मिले

मिले सिर्फ निराशा


और फिर मेरे लिए तुम्हारी

फ़िक्र अचानक से बढ़ जाए

तुम याद करो

मेरे साथ बिताया हर एक लम्हा।


फिर तुम्हे याद आये मेरे साथ तुम्हारा चैट,

और वो लेट नाइट वीडियो कॉल,

और अब जिसपे कोई रेस्पांस

नहीं मिल सकता तुम्हें


तुम फिर तुम पढ़ो मेरे वो सारे पुराने मैसेज

शुरू से लेकर अंत तक

तुम अचानक बहुत बेचैन हो जाओ

और तुम पढ़ो रोज, मेरे पुराने सारे मैसेज


तुम लगातार मेरे बारे में सोचो

तुम्हे सब कुछ याद आये,

सब कुछ

और उस दिन जब तुम्हें नींद न आये

बस मेरी याद आये।


फिर तुम मुझे सोशल मीडिया पर ढूंढो

फिर व्हाट्सअप मैसेज पढ़ो

फिर कॉल करो

फिर वही जवाब मिले, अमान्य नम्बर

तब तुम व्हाट्सअप गैलरी खोलकर

मेरी तस्वीरें देखो।


तुम्हे गुस्सा आये,

चिढ हो, तुम्हे रोना आये

तुम्हें एहसास हो कि

मैं किस हाल में जी रहा हूँ

तुम्हारी चिंता तुम्हारी

परेशानी बेचैन कर दे तुम्हें


और जब तुम मुस्कुराओ

मेरे पुराने मैसेज पढ़ पढ़ कर

फिर कुछ अच्छा ही नहीं

लगे और तुम रो दो

तुम्हे मेसेज पढ़ कर एहसास हो

गलतियाँ किसकी हुआ करती थी

और सॉरी कौन बोलता था।


और तब तुम हर जगह मुझे ही ढूंढो

बस एक आखिरी बार मुझे देखना चाहो,

मुझे सुनना चाहो

मेरे सीने से लगना चाहो

मुझसे लिपटकर रोना चाहो


तुम पागल हो जाओ उस प्यार के लिए,

जो सिर्फ और सिर्फ मुझसे मिल सकता था

और उस हाल में,

तुम्हे सुनने वाली

तुम्हारे माथे को चूमने वाली

तुम्हे सीने से लगाने वाली


"मैं" कहीं दूर

अपने कमरे में

आधी रात को,

हर वही सारे व्हाटसप के

मैसेज पढ़कर,

तुम्हे याद करूँ

फिर वो मैसेज सम्हाल कर रख लूँ।

जैसा कि मैंने पहले रखे थे

व्हाटसप डिलीट करने से पहले

उसका कभी कोई जवाब नहीं

आएगा जानकर।


महसूस करती हूँ जब अकेलापन

टूट जाती हूँ जब थक कर

मैं चाहती हूँ

तुम महसूस करो वो टूटना,

अकेलापन

किसी से कुछ न कह पाने की बेबसी

सारे काम ज़बरदस्ती लगने लगे,


बस हर वक़्त जब तुम्हे मेरी तलब लगे,

नींद की गोलियां भी

किसी काम की न रह जाएं

हर वक़्त

सोते जागते, मुझे याद करो

बस मैं ही हर वक़्त तुम्हारे दिमाग में रहूँ।


उस वक़्त जब ये सब हो

शायद तुम्हें समझ आये

कि मैं तुम्हे क्यों छोड़ दिया

तुमने क्या किया

और तुम्हें क्या मिला

और तुमने क्या खो दिया।


तब तुम्हें समझ आएगा

मेरा हाल

मैं ये सब चाहती हूँ

हाँ सच में

क्योंकि मैं चाहती हूँ

तुम एक बार महसूस कर सको

वो सब जो मैं करती हूँ

हाँ मैं चाहती हूं तुम्हे एहसास दिलाना।


हाँ मैं जानती भी हूँ,

और मैं मानती भी हूँ,

और मैंने पढ़ा भी कहीं पर था,

जो चीज हमसे भागती है,

उसकी आस जरूरत बन जाती है,


अकसर पाया था वही तुममें,

मैं जान छिड़कती रही,

तुम जान छुड़ाते रहे।

हाँ मैने तुम्हारे जिस्म के

एक छोटे हिस्से को पाने के लिए

अथक प्रयास किया,

हाँ हाँ वही दिल

जो किसी के काम का नहीं था

सिवाय मेरे और तुम्हारे।


अब शायद तुम्हे समझ आएगा

और मैं भी यही मानती हूँ

अक्सर हम जिन्हें भगाते हैं,

अपनी जरूरत के हिसाब

से ट्रीट करते हैं,

खुद को जरूरत और पीछे भा

गने वाले को जरूरतमंद समझते हैं।


जब वो कही खो जाता है तो

एक ऐसा अनुभव दे जाता है

जिसकी परछाई जीवन-भर

पीछा नहीं छोड़ती है।


और शायद तब

तुम्हें समझ आएगा कि

तुम किसी के सच्चे मुहब्बत थे।


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