शुभ समय
शुभ समय
1 min
252
कार्तिक एकादश उठे, शालिग्राम भगवान
होने लगे विवाह अब, गाते मंगल गान।
द्वारे वंदनवार है,आयी शुभ बारात
होने लगे विवाह जो, खुशियों की है रात।
देव उठे जो नींद से, होते अब शुभ काम
वर्षों लटका फैसला, न्यायपालिका नाम।
अमर नवम्बर नौ हुई, गिरी बर्लिन दिवार
मिला राम को धाम जो, खुला द्वार करतार।
