कोरोना वायरस
कोरोना वायरस
कोरोना का कोप अब, फैल रहा अविराम।
ग्रसित 'सूक्ष्म' आतंक से, करने लगे प्रणाम।
करने लगे प्रणाम, बनें सब शाकाहारी।
सामाजिक अभियान, निभायें जिम्मेदारी।
अपना करें बचाव, बीज संस्कृति के बोना।
बनें जागरुक आप, नाश करिये कोरोना।।
विचलित होते सूरमा, कैसा फैला त्राण।
कोरोना से हारते, संकट में हैं प्राण।
संकट में हैं प्राण, करें अब मंथन चिंतन।
उत्तम करें विचार, रहे जीवन प्रद्योतन।
भारत ऊँचा नाम, हवन है संस्कृति अतुलित।
स्वच्छ रहे अभियान, नहीं हो इससे विचलित।
कोरोना लक्षण जानिये, सर्दी छींक जुकाम।
श्वसन तंत्र की गड़बड़ी, करती काम तमाम।
करती काम तमाम, बने क्यों अब तक भक्षक।
लौंग पोटली साथ, स्वयं ही बनिये रक्षक।
बात नीति की मान, सदा हाथों को धोना।
इस पर करें प्रहार, जीव नन्हां कोरोना।
दुविधा ऐसी देखिये, बंद पड़ा व्यापार।
अर्थ व्यवस्था डूबती, मचता हाहाकार।
मचता हाहाकार, काल आपात लगाया।
कोरोना का वार, बंद बाजार कराया।
चौपट हैं उद्योग, मिलेगी कब तक सुविधा।
करिये नेक उपाय, खत्म हो सारी दुविधा।
