एकता
एकता
अखंडता अरु एकता, भारत की पहचान।
विभिन्न संस्कृति देश की, इस पर है अभिमान।
जाति, धर्म निज स्वार्थ दे, गद्दारी का घाव ।
देशभक्ति ही धर्म हो, रखें एकता भाव ।
मातृभूमि रज भाल पर, वंदन बारम्बार।
अमर तिरंगा हाथ में, रहे एकता सार ।
सर्व धर्म समभाव हो, करिये सभी विचार।
भारत के निर्माण में, बहे एकता धार। ।
देशप्रेम की अग्नि में, जीवन समिधा डाल।
तेल एकता का पड़े, उन्नत होगा काल।
अपने हित को साधिये, सदा देश उपरान्त।
जयभारत उद्घोष से, हो एका सिद्धांत।