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Neeraj pal

Inspirational

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Neeraj pal

Inspirational

तुमसा कोई नहीं।

तुमसा कोई नहीं।

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कैसे तारीफ करूँ तेरी, दया के सागर का नहीं है कोई किनारा।

जहां में लाखों देखे, पर "तुम सा कोई नहीं" है हमारा।।


लाखों ठोकरें खाईं जमाने की, पर तुमने ही दिया सहारा। 

धोखा अपनों ने ही दिया, आकर तुम ने ही संभाला ।।


 दुःखों के बादलों ने जब भी घेरा, लगा कि कोई नहीं है मेरा।

 सपनों में आकर भी तुमने ही, दुःखों को है तारा।। 


है अवगुणों से भरा यह तन -मन, ना कोई गुण है तुम्हारा।

 भटक रहा हूँ शान्ति पाने को, राहों में है छाया अंधेरा।।


 अब तो लाज रख लो मेरी, तुमसे ही है विश्वास हमारा।

 दिया जो तुमने, वह तुझको है अर्पण, बस "नीरज" है दास तुम्हारा।।


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