पहचान
पहचान
कहते है इन्सान की पहचान उसके नाम से होती है
कहते है पहचान उसके जनम से मिलती है
कहते है पहचान उसके पूर्वज उसे देते है
कहते है इन्सान के अच्छे काम से पहचान मिलती है होती है
जिंदगी भर हम उस पहचान के लिये भागते रहते है
हम यह भुल जाते है
पहचान सिर्फ़ नाम कमाना नही होता है
ना ही
बड़े बड़े इमारतो मे नाम दिखना
पहचान तो तब बनती है जब लोग आपको याद करे
लोगो के ज़ुबान पर आपका नाम हो
आपको तब याद करे जब वो दुखी हो और आप उनकी दवा बने
आपको तब याद करे जब वो दुआ करे
यह होती है पहचान
पहचान तो वो है जब
हम किसी की मदद तब करे जब उसे जरुरत हो
हम ऐसा काम करे जिसे किसी को ख़ुशी आज और हमेशा मिले
ऐसा काम करे जिसे लोग हमे बरसो याद करे
