कभी अँधेरी रात तो कभी चुभती हुई धूप कभी अँधेरी रात तो कभी चुभती हुई धूप
बड़ी गाड़ियों में घूमने वालों कभी सड़क के उस पार जाकर भी देखो, ऐसी भी है जिंदगी ज़रा उन पर नज़र ड... बड़ी गाड़ियों में घूमने वालों कभी सड़क के उस पार जाकर भी देखो, ऐसी भी है जिंदग...
नफ़रतों के बौछारों में यहाँ क्या रखा है नफ़रतों के बौछारों में यहाँ क्या रखा है
इमारतें भी दो बन जाएंगी पर मंदीर कौन जाएगा आज़ान कौन बुलाएगा ये फैसला बाकी है अभी इमारतें भी दो बन जाएंगी पर मंदीर कौन जाएगा आज़ान कौन बुलाएगा ये फैसला ...
लेकिन मेहनत ? मैं उलटे पाँव शहर वापस लौट आया। लेकिन मेहनत ? मैं उलटे पाँव शहर वापस लौट आया।
रचती न ये महल दुमहले कटती कहाँ तुम्हारी रात। रचती न ये महल दुमहले कटती कहाँ तुम्हारी रात।