वो अक्सर कहता था, फ़िक्र मत कर कल की, मैं बस आज हूँ , कल का पता नहीं, फिर क्यों वो आज भी ज़हन में इस क... वो अक्सर कहता था, फ़िक्र मत कर कल की, मैं बस आज हूँ , कल का पता नहीं, फिर क्यों व...
यही नेक नियति हर मानव में आ जाये यही नेक नियति हर मानव में आ जाये
बस आँखों में चंद कतरे लिए अपने गंतव्य को चल दी। बस आँखों में चंद कतरे लिए अपने गंतव्य को चल दी।
रचती न ये महल दुमहले कटती कहाँ तुम्हारी रात। रचती न ये महल दुमहले कटती कहाँ तुम्हारी रात।
दूर ना हो कोई अपना किसी से, यही हर कोई चाहता है, लेकिन ये तो नियती है, जो आया है वो दूर ना हो कोई अपना किसी से, यही हर कोई चाहता है, लेकिन ये तो नियती है, ...
तनय नहीं तनया हूँ स्वर्ण थी मैं तपकर हो गई कुंदन फिर भी मेरा मोल नहीं तनय नहीं तनया हूँ स्वर्ण थी मैं तपकर हो गई कुंदन फिर भी मेरा मोल नहीं