दर्द अपनो को खोने का
दर्द अपनो को खोने का
दूर ना हो कोई अपना किसी से,
यही हर कोई चाहता है,
लेकिन ये तो नियती है,
जो आया है वो एक रोज जाएगा ही।
किसी अपने को खोने का दर्द क्या होता है,
ये तो वो ही जनता है जिसका कोई अपना दूर होता है,
ना ही उनकी कोई ख़बर फिर आती है,
ना ही लौट कर उनके आने की उम्मीद।
आँखों से आँसू बहते हैं, दिल फूट फूट कर रोता है,
हर पल हर राह पर उनको नजरें तलाशती हैं,
आंखों के सामने ही उनका साथ और हाथ छूट गया,
फिर भी जाने क्यों विश्वास खुद पर नहीं होता।
ये ऐसा दर्द है जो वक्त के साथ कम नहीं होता,
यादों से कोई पीछा छुड़ा नहीं सकता कभी,
ये यादें ही उनकी जीवन जीने की प्रेरणा देती है,
उनके सपनों को पूरा करने की हिम्मत हमको देती है ।