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!!तनया हूँ!!

!!तनया हूँ!!

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सदियों से

सहती आई

सब-कुछ बदला

पर न बदली

मेरी नियति

इच्छा नहीं

अनिच्छा हूँ

अनगिनत,सम्बन्ध मेरे

पर सम-बन्ध

एक भी नहीं

क्योंकि!

तनय नहीं

तनया हूँ.....

बँटी हुई हूँ

खंड-खंड

हर खण्ड में

समर्पण/अखण्ड हूँ

कर्तव्य मेरे

हैं कई/अधिकार

एक भी नहीं

क्योंकि!

तनय नहीं

तनया हूँ

दया/करूणा

शील और लज्जा हूँ

स्नेह की अस्थि

नेह की मज्जा हूँ

धैर्य/धीरज

त्याग की मूरत

प्रेम का धागा कच्चा हूँ

क्योंकि!

तनय नहीं

तनया हूँ

स्वर्ण थी मैं

तपकर हो गई कुंदन

फिर भी मेरा

मोल नहीं

मेरे हिस्से में क्यों!

इतना सहना

नहीं है घर मेरा

धन हूँ पराया

ये है कहना

क्योंकि?

तनय नहीं

तनया हूँ


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