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Sakshi Jain

Inspirational

3  

Sakshi Jain

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एक बेटी कि नन्ही ख्वाहिश

एक बेटी कि नन्ही ख्वाहिश

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उस उड़ान को छू लूँ जिसमें सिर्फ खुशियाँ हो 

उस आसमान में समा जाऊँ जिसमें सिर्फ आजादी हो 

उस पतंग को पकड़ लूँ जिसमें उड़ने की चाहत हो 

उस नदी में तैर सकूँ जिसमें लहरों की बौछार हो 


उस परिंदे को उड़ा सकूँ जिसमें उड़ सकने की ताकत न हो 

उस लिबास में लिपट जाऊँ जिसमें सिर्फ हसीन अंदाज़ हो 

उस कविता को पढ़ सकूँ जिसमें सुरीले अहसास हो 

और उस इश्क़ को अपना सकूँ

जिसमें मोहब्बत करने का जिक्र ना हो

मोहब्बत करने की कोई फिक्र ना हो 


       


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