कलम उठाना और कुछ लिख पाना मम्मी की गोद में बैठ कर सीखा था और आज जो लिखती हूं वो अनुभव है ।
आज भी उसकी अहमियत है जिंदगी में पर उसके भले के लिए उससे दूर रहना चाहते। आज भी उसकी अहमियत है जिंदगी में पर उसके भले के लिए उससे दूर रहना चाहते।